सींचकर बढ़े जिसे भाईचारा। धुले मन की दुर्गूण मैल सारा।। सींचकर बढ़े जिसे भाईचारा। धुले मन की दुर्गूण मैल सारा।।
सावन आया बादल छाए रिमझिम बरसा की फुहार लाए सावन आया बादल छाए रिमझिम बरसा की फुहार लाए
पूरे वर्ष दोस्तो हम औऱ आप साथ रहे हैं आज बताने को कम पड़ रहे हैं जज्बात मेरे आज आपस पूरे वर्ष दोस्तो हम औऱ आप साथ रहे हैं आज बताने को कम पड़ रहे हैं जज्बात मेरे...
लगे माँ बाप को लम्बे बहुत लम्हें जुदाई के अभी महीने हुए थे चार बेटी की विदाई के। लगे माँ बाप को लम्बे बहुत लम्हें जुदाई के अभी महीने हुए थे चार बेटी की विदाई ...
देखो, हो रई हैं, वर्षा की विदाई। नीलिमा जा छाई,शरद ऋतु आई रे। देखो, हो रई हैं, वर्षा की विदाई। नीलिमा जा छाई,शरद ऋतु आई रे।
एक बार फिर आया, पितरों को मनाने का मौसम।। एक बार फिर आया, पितरों को मनाने का मौसम।।